बुधवार, 26 दिसंबर 2012

राहुल गांधी कहां हैं ?

23 बरस की लड़की वेंटिलेटर पर है। मौत की जंग लड़ रही है। उसे इंसाफ दिलाने के लिए देश के युवा सड़क लड़ रहे हैं। कई दिनों तक राजपथ पर ठिठुरन भरी ठंड में पानी की बौछारों से नहाते रहे। लाठियां खाते रहे। लेकिन देश के सबसे बड़े युवा नेता का दंभ भरनेवाले गायब हैं। उनका कोई अता पता नहीं है।
      आखिर कहां हैं राहुल गांधी ? प्रदर्शन कर रहे, इंसाफ के बदले लाठी खा रहे युवाओं के सामने अभी तक वो क्यों नहीं आए ?  पांच प्रदर्शनकारियों से सोनिया गांधी की मुलाकात के वक्त वो जरूर 10 जनपथ में मौजूद थे। लेकिन बाहर निकलकर जिस तरह से सोनिया गांधी ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की, वैसी हिम्मत राहुल गांधी क्यों नहीं दिखा पाए ?
       ये सवाल इस लिए अहम है क्योंकि राहुल गांधी युवाओं के ज़रिए ही अपनी राजनीति को मुकाम तक पहुंचाना चाहते हैं। अपने हर संबोधन में, हर भाषण में, हर बयान में युवा की बात करते हैं। कॉलेज दर कॉलेज घूमकर लड़के-लड़कियों से मिलते हैं। उन्हें राजनीति में आने के लिए कहते हैं। युवाओं को एकजुट होने की अपील करते हैं। आज जब युवा एकजुट है। उनकी तरफ देख राह है, तो वो कहां हैं ? जब एक कॉलेज की लड़की से देश की राजधानी में उनके घर से चंद कदम की दूरी पर चलती बस में गैंग रेप हुआ, तो वो मौन हैं। ना तो अफसोस जाहिए किया। ना ही सड़क पर उतरकर कोई कार्रवाई का आश्वासन दिया। ना ही संसद में आवाज उठाई। और ना ही सफदरजंग अस्पताल जाकर उस लड़की का हालचाल जाना।
       वैसे तो राहुल गांधी पर सीधे-सीधे ये आरोप लगते रहे हैं कि राष्ट्रीय मुद्दों पर, या यूं कहें कि उलझे हुए मुद्दों पर वो कुछ नहीं बोलते। मौन साध लेते हैं। इस बार भी सरकार के लिए कम बड़ा संकट नहीं है। पीएम से लेकर गृहमंत्री तक को कोई जवाब नहीं सूझा तो तीन-तीन बेटियों के पिता होने की दुहाई देने लगे। खुद सोनिया को बाहर निकलना पड़ा। वित्त मंत्री रहते हुए अगर पी. चिदंबरम कैबिनेट की बात करने के लिए मीडिया के सामने आते हैं और गैंगरेप मामले पर सफाई देकर चले जाते हैं तो जाहिर है कि सरकार अंदर से घबराई हुई है। और ऐसे मौके पर भी राहुल गांधी, चुप्पी साधे हुए हैं।
      स्वभाविक है राहुल गांधी की इस बार की चुप्पी बड़े सवाल खड़े कर रही है। क्योंकि इस बार बात युवाओं की है। मौत से जूझ रही लड़की के इंसाफ के लिए अगर पूरे देश के युवा साथ है। और खुद को युवाओं का नेता बताना वाला कुछ भी नहीं बोल रहा है तो सवाल उठता है कि आखिर राहुल गांधी किस युवाओं की बात करते हैं। कैसी बात करते हैं। क्या वो अपने भाषण में युवाओं की बात करके सिर्फ उन्हें बरगलाते हैं। सिर्फ वोट बटोरने के लिए युवा-युवा रटते हैं। 

1 टिप्पणी:

  1. true , very very sad - but true.

    our politicians have nothing to do with people, or their suffering. they only talk when THEY need votes and support, and stay inside comfortable doors when PEOPLE need them :( :(

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